अनुचित व्यवस्था नतीजों को पटरी से उतार देती है
मैनेजमेंट फंडा - एन. रघुरामन
रोजा फिल्म के हीरो अरविंद स्वामी। उन्हीं के जैसे नाम वाले एक और अरविंद स्वामी। दोनों चेन्नई की एक ही पॉश कॉलोनी में रहते हैं। लेकिन एक फर्क है। हीरो अरविंद स्वामी बड़े बंगले में रहते हैं। और दूसरे अरविंद स्वामी टीन शेड में। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों के आर्थिक हालात में काफी फर्क है।
दूसरे वाले अरविंद का पेशा भी अलग है। वे प्लंबर हैं। लेकिन वे नहीं चाहते कि उनके बच्चे भी इस पेशे में आएं।उनका सपना है कि उनके दोनों बच्चे पढ़-लिखकर कोई बड़ा काम करें। इसीलिए उन्होंने दोनों का राइट टु एजुकेशन (आरटीई) से मिले रिजर्वेशन के जरिए एक बड़े स्कूल में दाखिला दिलाया।
पहले साल तो वे खुश थे। लेकिन अब परेशानी में हैं। उनके बच्चों को स्कूल ने पिछले साल मुफ्त शिक्षा दी। आरटीई के तहत सभी गैरसरकारी सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को गरीब बच्चों के लिए 25 फीसदी सीटें रिजर्व रखनी हैं।
Source: Inappropriate System Derails the Purpose of Any Work - Management Funda By N Raghuraman - Bhaskar.com 22nd April 2014