अगर आप हंसाना चाहते हैं तो इस तरफ गंभीर हो जाएं
मैनेजमेंट फंडा - एन. रघुरामन
कई लोगों की तरह उसके पिता भी शराब पीने के आदी थे। इससे वह दुखी रहता था, लेकिन दुख किसी पर जाहिर नहीं होने देता। उसके जान-पहचान वाले जब भी मिलते वह उन्हें चुटकुले सुनाता। लोग हंसते और वह भी। महज पांच साल की उम्र से वह चुटकुले सुनाकर लोगों का हंसाने लगा था। यह विधा भी उसके भीतर एक दुर्घटना की वजह से आई।
एक बार उसकी मां स्टेज पर गा रही थीं। गाते-गाते अचानक उनकी आवाज चली गई। सामने बैठे लोगों ने हल्ला शुरू कर दिया। उन्हें संतुष्ट करने के लिए कार्यक्रम के आयोजकों ने जबरन बच्चे को स्टेज पर धकेल दिया। उसने जैसे-तैसे गाना गया। लेकिन ज्यादा असर नहीं हुआ। सो, उसने कुछ ऐसे कारनामे शुरू कर दिए जिससे लोग हंसने लगे।
इस घटना के बाद उसकी मां की आवाज कभी वापस नहीं आ सकी। इसी बीच शराबी पिता की मौत हो गई। इससे मां की हालात इतनी खराब हो गई कि उन्हें मानसिक अस्पताल तक ले जाना पड़ता था। कुल मिलाकर उस बच्चे का पूरा बचपन इसी तरह की मुश्किलात में बीता। बाद में कॉमेडी और एक्टिंग की मार्फत उसका बहादुर चेहरा दुनिया के सामने था।
Source: You Have To Be Serious To Make People Laugh - Management Funda By N Raghuraman - Dainik Bhaskar 15th April 2014
कितना बहादुर ? इसकी एक मिसाल है। एक बार उसे भूख लगी। जेब में सिर्फ एक सिक्का था। वह पूरे यकीन के साथ एक होटल में घुस गया। खा-पीकर जब फुर्सत हुआ और जेब में हाथ डाला तो देखा कि सिक्का कहीं सरक चुका था। अक्खड़ सा वेटर सामने बिल रखकर चला गया था।
हालात सहज नहीं थे। तभी उसके बगल वाली सीट पर बैठे अमीर आदमी ने भी बिल चुकाया। साथ ही वेटर के लिए ठीक-ठाक सी टिप रखकर चले गए। पलक झपकते ही उस लड़के ने वह टिप उठा ली। वेटर आया तो बिल चुकाया और ऊपर के बचे पैसे रख लेने के लिए कह दिया। बतौर टिप।
इस घटना के वक्त तक उस लड़के की उम्र 16 साल थी। एक साल बाद उसे नौकरी मिल गई। वह वॉडेविलियन कलाकारों के समूह के साथ जुड़ गया। ये कलाकार अमेरिका में घूमकर अपनी कला का प्रदर्शन करते थे। यह विश्व इतिहास में उसका नाम दर्ज होने की शुरुआत थी।
आपको बता दें कि हम दुनिया के शीर्ष कॉमेडियन चार्ली चैपलिन की बात कर रहे हैं। अप्रैल की 16 तारीख को उनका जन्मदिन है। महज 17 साल की उम्र में चार्ली अपने ग्रुप के साथ पूरे अमेरिका की सैर कर आए थे। साल 1910 में ऐसी ही दूसरी ट्रिप के दौरान उन्हें एक फिल्म एक्जीक्यूटिव से नौकरी का प्रस्ताव मिल गया।
तनख्वाह तय हुई 150 डॉलर हर हफ्ते। यहां से चार्ली चैपलिन को कैमरे से प्यार हो गया। अब वे फिल्में करने लगे। उन्होंने अपने साथ कई प्रयोग किए। बैगी पैंट। चुस्त कोट। छोटा सा हैट, छोटी-छोटी मूंछें और विचित्र सा व्यवहार।
दूसरे विश्व युद्ध की वजह से पूरी दुनिया में तनाव के हालात थे। ऐसे में चार्ली चैपलिन की कॉमेडी लोगों के लिए दवा की तरह काम कर रही थी। यही वजह है कि एक साल में ही उनकी 35 फिल्में आ गईं। जैसे ही उनकी लोकप्रियता बढ़ी, उन्होंने अमेरिकी पूंजीवाद पर भी फिल्में बना डालीं। इसके चलते उन पर पूरे अमेरिका में करीब दो दशक तक प्रतिबंध लगा रहा, लेकिन उनकी प्रतिभा का लोहा आखिरकार अमेरिका को भी मानना ही पड़ा।
सन् 1972 में ऑस्कर अकादमी ने उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया। चार्ली चैपलिन जब अवॉर्ड लेने मंच पर पहुंचे तो सामने के दर्शक सीट से उठ खड़े हुए और इतनी देर खड़े रहे कि उसके बाद शायद किसी मौके पर ऑस्कर में ऐसी स्थिति नहीं बनी।
फंडा यह है कि...
किसी को हंसाना कोई आसान काम नहीं है। इसके लिए भी गंभीर होना पड़ेगा, तभी सफलता मिल सकेगी।
Source: You Have To Be Serious To Make People Laugh - Management Funda By N Raghuraman - Dainik Bhaskar 15th April 2014
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