Thursday, February 6, 2014

Sherlock Holmes And Byomkesh Bakshi - Parde Ke Peeche - Jaiprakash Chouksey - 6th February 2014

शरलक होम्स और व्योमकेश बख्शी


परदे के पीछे - जयप्रकाश चौकसे


निर्माता आदित्य चोपड़ा और निर्देशक दिवाकर सरकार डिटेक्टिव व्योमकेश बख्शी नामक फिल्म बनाने जा रहे हैं जिसमें सुशांत सिंह राजपूत नायक हैं और संभवत: बंगाली बाला स्वास्तिका मुखर्जी नायिका होंगी। व्योमकेश बख्शी बंगाल के शरलक होम्स हैं। देवकीनंदन खत्री के चंद्रकांता और भूतनाथ के अरसे पहले डॉ. ऑर्थर कानन डॉयल में काल्पनिक पात्र शरलक होम्स की रचना की और स्वयं को मॉडल बनाकर होम्स के मित्र एवं सामान्य बुद्धि के डॉ. वॉटसन का चरित्र गढ़ा। 
 
Source: Sherlock Holmes And Byomkesh Bakshi  - Parde Ke Peeche By Jaiprakash Chouksey - Dainik Bhaskar 6th February 2014
ऑर्थर कानन डॉयल के पहले की जासूसी कथाओं में नायक एक्शन करने वाला पात्र होता था गोयाकि पुलिस का ही एक्सटेंशन होता था परन्तु शरलक होम्स अपने सुविधापूर्ण घर में बैठकर थ्योरी ऑफ डिटेक्शन के द्वारा अपराधी तक पहुंचते थे। अपराध किस तरह, कैसे किया जा सकता है कि हर दृष्टि से सारी संभावनाओं के एक-एक करके तर्क के तराजू पर निरस्त करते हुए सत्य तक पहुंचने को शरलक होम्स थ्योरी ऑफ डिटेक्शन कहते थे। 
 
कानन डायल को इस पात्र की प्रेरणा अपने शिक्षक से मिली थी। जो बारीक से बारीक वस्तु देखते थे और उनके निरीक्षण-परीक्षण का पैनापन ऐसा था कि एक दिन डायल देर से कक्षा में पहुंचे तो शिक्षक ने बता दिया कि तुम अमुक क्षेत्र से आ रहे हो जहां सुबह भारी वर्षा हुई थी। शिक्षक ने रेडियो पर मौसम के समाचार सुने थे। बहरहाल यह पात्र इतना लोकप्रिय हुआ कि उनके निवास स्थान पर ढेरों पत्र आने लगे जबकि उस पते पर कोई शरलक होम्स नहीं रहते थे। 
 
अनेक वर्ष तक इनकी कहानियों से स्वयं आर्थर कानन डॉयल उकता गए और उनकी कल्पनाशीलता भी घट गई थी तो एक कथा में उन्होंने शरलक होम्स को मार दिया। इसके बाद लेखक के पास अनगिनत खत आए कि आप शरलक होम्स को मार नहीं सकते। उसे पुन: जीवित करो वरना आपका स्वयं का जीवन खतरे में है। गोयाकि उनके अपने रचे काल्पनिक पात्र को सब कुछ जानकर भी पाठक पुन: जीवित करना चाहते थे। 
 
यह बात लेखन क्षमता के प्रमाण के साथ मनुष्य की गल्प पर यकीन की असीमित क्षमता का प्रमाण देती है। क्या हमारी यथार्थ को सहने की क्षमता से है गल्प में यकीन करने की क्षमता? क्या हमारा पलायन हमारे टिके रहने से ज्यादा शक्तिशाली है ? क्या हम राजनीतिक चयन में में भी इसी तरह लार्जर दैन लाइफ प्रचारित छवियों को ही चुनते हैं।

बहरहाल दुनिया भर के जासूसी गल्प रो रचने वाले या ऑर्थर कानन डॉयल से प्रभावित हैं या अगाथा क्रिस्टी से। व्योमकेश बख्शी शरलक होम्स का ही हिंदुस्तानी संस्करण है। पांचवे दशक के इब्ने सफी रचित इंस्पेक्टर विनोद और हवलदार हमीद मौलिक पात्र थे और इस श्रंखला का हाल ही में पुन: प्रकाशन हुआ है।
जाने क्यों इस समय सिनेमा में जासूस पात्र फिल्मकारों को आकर्षित कर रहा है।

अनुराग बसु रणवीर कपूर और कटरीना कैफ के साथ 'जागा जासूस' बना रहे हैं। जिसके बारे में यह कहा जा रहा है कि पहली बार ओपेरा शैली में जासूस कथा प्रस्तुत की जा रही है। आदित्य चोपड़ा, दिवाकर सरकार की फिल्मी शैली अनुराग बसु से अलग है।

शरलक होम्स की प्रेमिका पात्र गढ़ा नहीं गया था। परन्तु हिंदुस्तानी संस्करणों में प्रेम प्रसंग जासूसी फिल्म में जरूर रखा जाएगा और अगर बात यथार्थवादी प्रस्तुतीकरण की हो तो प्रेमिका ने कत्ल किया है और तब शरलक होम्स कैसे सत्य तक पहुंचते?

सारे जासूस पात्रों में अगाथा क्रिस्टी द्वारा रची गई मिस मारपल अनोखी पात्र है। यह अनब्याही बूढ़ी महिला अत्यंत कुशाग्र बुद्धि की है और अपराध की जड़ तक हमेशा अनूठे रास्तों से पहुंचती है। देवकीनंदन खत्री का रहस्य रोमांच का संसार सामान्य जासूस संसार से अलग है। इसमें जासूस को अय्यार कहा जाता है। अर्थात वह भांति-भांति के रूप धर सकता है। इसमें कुछ जादू के प्रभाव दिखाई पड़ते हैं और इस पर एक सफल सीरियल बना था तब कहानी और संवाद मूल से अलग थे। 
 
दरअसल देवकीनंदन खत्री का संसार काफी हद तक हातिम ताई वाला परिवेश लगता है और इसमें राजाओं के आपसी संघर्ष की कथा है। डिटेक्टिव व्योमकेश बख्शी मध्यम वर्ग का जासूस है, उसका संसार भी महानगरीय मध्यम वर्ग है जबकि शरलक होम्स अभिजात्य वर्ग के हैं। 
 
 
Sherlock Holmes And Byomkesh Bakshi  - Parde Ke Peeche - Jaiprakash Chouksey
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Source: Sherlock Holmes And Byomkesh Bakshi  - Parde Ke Peeche By Jaiprakash Chouksey - Dainik Bhaskar 6th February 2014

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