अपनी जगह पता है तो फैसला करना आसान है
मैनेजमेंट फंडा - एन। रघुरामन
पिछले सप्ताह गुरुवार को दिल्ली के एक पब्लिक स्कूल के 12वीं कक्षा के बच्चे को अमेरिका की सात यूनिवर्सिटियों से दाखिले का ऑफर मिला। कोलकाता के रहने वाले इस बच्चे ने सैट (स्कॉलस्टिक एप्टीट्यूड टैस्ट) में 100 फीसदी अंक हासिल किए थे।
अमेरिका के कॉलेजों में एडमिशन के लिए यह टेस्ट लिया जाता है। अरुणव चंदा ने आठ अमेरिकी यूनिवर्सिटियों के लिए एप्लाई किया था और उसे सात से ऑफर मिला। इनमें हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड, कोलंबिया, ड्यूक, कॉर्नेल, जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और डार्टमाउथ कॉलेज शामिल हैं।
अरुणव को कोलंबिया और ड्यूक से प्रतिष्ठित स्कॉलरशिप भी ऑफर की गई। ड्यूक ने तो उसे कार्श इंटरनेशनल स्कॉलरशिप का ऑफर दिया, जो भारत के किसी छात्र को पहली बार मिला है। अंडरग्रेजुएट कोर्स के लिए अमेरिका में विदेशी छात्र का स्कॉलरशिप हासिल करना बेहद मुश्किल है, क्योंकि वहां की यूनिवर्सिटी ऐसे स्टूडेंट ढूंढती हैं जो सैट में सबसे ज्यादा अंक हासिल करें।
Source: It's Easy to Decide When You Know Your Goals - Management Funda By N. Raghuraman - Bhaskar.com 21st April 2014
अरुणव ने सैट में 2400 में से 2400 अंक हासिल किए। फिजिक्स, कैमिस्ट्री और सेकंड लेवल मैथ में उसे पूरे-पूरे 800 अंक मिले। दूसरी कक्षा से 12वीं तक हर सब्जैक्ट में उसे 90 फीसदी अंक मिले।
अरुणव ने 12वीं तक सभी कक्षाओं में टॉप किया। साइबर ओलिंपियाड में दो बार चौथी और सातवीं रैंक हासिल की। साइंस व मैथ ओलिंपियाड में इंटरनेशनल रैंकिंग में टॉप-10 में रहा। क्विज प्रतियोगिता में तीन बार नेशनल चैपिंयन रहा।
अरुणव ने 12वीं तक सभी कक्षाओं में टॉप किया। साइबर ओलिंपियाड में दो बार चौथी और सातवीं रैंक हासिल की। साइंस व मैथ ओलिंपियाड में इंटरनेशनल रैंकिंग में टॉप-10 में रहा। क्विज प्रतियोगिता में तीन बार नेशनल चैपिंयन रहा।
साल 2011 में तो लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड क्विज में भी उसका नाम शामिल किया गया। ऐसे में उसे हर तरफ से ऑफर मिलने ही थे। लेकिन वह कनफ्यूज हो गया कि कहां एडमिशन लें, कहां नहीं।
लिहाजा अरुणव के परिवार ने सभी ऑफर्स की तुलना के लिए एक्सेल चार्ट बनाना शुरू किया। इसमें पिछले दशक में यूनिवर्सिटियों के प्रदर्शन आदि की तुलनात्मक जानकारी थी। पहले कॉलम में उन्होंने अरुणव के लक्ष्य के बारे में लिखा। उसकी पसंद के बारे में भी, जोकि कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग है।
लिहाजा अरुणव के परिवार ने सभी ऑफर्स की तुलना के लिए एक्सेल चार्ट बनाना शुरू किया। इसमें पिछले दशक में यूनिवर्सिटियों के प्रदर्शन आदि की तुलनात्मक जानकारी थी। पहले कॉलम में उन्होंने अरुणव के लक्ष्य के बारे में लिखा। उसकी पसंद के बारे में भी, जोकि कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग है।
दूसरी प्राथमिकता थी, मैथमैटिक्स में हायर डिग्री हासिल करना और थिएटर में डिग्री कोर्स। वह फुटबॉल का फैन है। न्यूयॉर्क में नीली जर्सी में खेलने वाली चेल्सिया की टीम उसकी सबसेपसंदीदा है। यह तथ्य भी चार्ट में शामिल किया गया।
बॉकी कॉलमों में सभी यूनिवर्सिटियों के प्रदर्शन की तुलनात्मक जानकारी रखी गई। उन्होंने पाया कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़कर सबसे ज्यादा अरबपति निकले हैं। इसी तरह स्टैनफोर्ड से सबसे ज्यादा उद्यमी और कोलंबिया से सर्वाधिक नोबल पुरस्कार विजेता। इसके बाद उन्होंने इन यूनिवर्सिटियों में काम करने वाले प्रोफेसरों और पूर्व छात्रों के कामों का तुलनात्मक अध्ययन किया।
बॉकी कॉलमों में सभी यूनिवर्सिटियों के प्रदर्शन की तुलनात्मक जानकारी रखी गई। उन्होंने पाया कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़कर सबसे ज्यादा अरबपति निकले हैं। इसी तरह स्टैनफोर्ड से सबसे ज्यादा उद्यमी और कोलंबिया से सर्वाधिक नोबल पुरस्कार विजेता। इसके बाद उन्होंने इन यूनिवर्सिटियों में काम करने वाले प्रोफेसरों और पूर्व छात्रों के कामों का तुलनात्मक अध्ययन किया।
इस कवायद तक कोलंबिया स्कोर चार्ट में सबसे ऊपर थी। वहां से अरुणव को प्रतिष्ठित स्कॉलरशिप ऑफर की गई थी। वहीं दूसरा महत्वपूर्ण कारण यह था कि यह यूनिवर्सिटी न्यूयॉर्क में है। इसमें छात्रों को पेशकश की जाती है कि वे अपने पसंदीदा खेल की फैवरिट टीम से सक्रिय तौर पर जुड़ें। स्टेडियम जाकर उसका खेल देखें।
अंतिम तौर पर हालांकि स्कोर चार्ट में हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी भी कोलंबिया के नजदीकी अंतर पर मौजूद थीं। लेकिन अरुणव और उसके परिवार वालों ने कोलंबिया को चुना। फुटबॉल के शौक की वजह से।
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