पहले अपर क्लास को लुभाएं फिर मध्यम वर्ग को
मैनेजमेंट फंडा - एन. रघुरामन
देश की कई मशहूर व महंगी रेस्त्रां चेन्स आमदनी बढ़ाने के लिए अपने रेस्त्रां की किफायती ब्रांच खोल रही हैं। जहां मीडियम क्लास के लोग भी जायकों का लुत्फ ले सकें। ऐसी ही एक प्रीमियन फूड चेन है 'ओह कलकत्ता'। जिसने हाल ही में मीडियम क्लास को ध्यान में रखते हुए 'कलकत्ता एक्सप्रेस' नाम के आउटलेट्स खोले हैं।
दिल्ली की प्रीमियम फूड चेन 'पंजाबी बाय नेचर' ने 'पंजाबी बाय नेचर क्विकी' आउटलेट्स लॉन्च किए हैं। मशहूर फूड एक्सपर्ट जिग्स कालरा ने भी 'कायलिन प्रीमियर' का स्माॉल वर्जन 'कायलिन एक्सप्रेस' लॉन्च किया है। ऐसे ही एक और फूड चेन 'येती' ने 'येती एक्सप्रेस' लॉन्च की है।
Source: Woo Upper Class First And Later Middle Class - Management Funda By N Raghuraman - Dainik Bhaskar 2nd March 2014
इनसे साफ होता है कि मेहमानवाजी और खाने-पीने के बिजनेस में दो बड़े बदलाव हो रहे हैं। एक तो देश की रईस आबादी का रुझान धीरे-धीरे शाकाहार की तरफ बढ़ रहा है। दूसरा देश का मध्यम वर्ग ऐसे ब्रांडेड रेस्त्रां की तरफ आकर्षित हो रहा है। जहां उसकी जेब पर ज्यादा भार न पड़े। देश के टॉप 100 अमीर लोगों की सूची में शामिल अंबानी, धूत, मूर्ति, गोयनका, बिड़ला और मित्तल जैसी ज्यादातर हस्तियां शाकाहारी हैं। इन जैसे लोगों के लिए ताज और ओबरॉय जैसे बड़े होटल्स ने इस एलीट क्लास के लिए खास तरह के शाकाहारी रेस्त्रां शुरू किए हैं।
वहीं दूसरी तरफ मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखने वाली आबादी का एक बड़ा तबका ऐसा भी है जो ब्रांडेड रेस्त्रां के किफायती आउटलेट्स की ओर आकर्षित हो रहा है। लिहाजा बड़ी फूड चेंस टियर टू और टियर थ्री शहरों का रुख कर रहे हैं। हालांकि इनमें प्रॉफिट तो कम होता है लेकिन ग्राहकों की बड़ी संख्या के कारण ये अपना मार्जिन प्रॉफिट निकाल ही लेती हैं। देश का हाई-एंड मार्केट अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ है। लेकिन टेस्ट के लिए हर वर्ग का नजरिया तेजी से बदल रहा है। लोग बाहर खाने के लिए पैसा देने को तैयार हैं। इसे भांपते हुए फूड बिजनेस से जुड़े कारोबारी इस ट्रेंड को पकड़ कर चल रहे हैं। ये अपने स्टाफ, सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के खर्च को कम रखते हुए छोटे शहरों का रुख कर रहे हैं। इनके मेन्यू में जापानी, पेरु, कैंटोनीज और फ्रेंच डिशेज शामिल होती हैं। जो फूड सेक्टर में नई जान फूंकने वाली साबित हो रही हैं।
इटली की एक कंपनी ने हाल ही में गुजरात में 12 फूड चेन खोली है। इस चेन का बिजनेस काफी अच्छा चल रहा है। कंपनी ने मुंबई में सिर्फ दो चेन खोली हैं वो भी गुजराती बाहुल्य इलाके में। कंपनी का फोकस सिर्फ मिडिल क्लास शाकाहारी गुजराती समुदाय पर है। इस तरह की कंपनियों पर आर्थिक तेजी या मंदी का कोई असर नहीं पड़ता है। इनका फोकस सिर्फ दो तरह के ग्राहकों पर होता है। पहले वे जो खास उत्पाद के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने को भी तैयार रहते हैं। दूसरे वे जो किफायती दामों पर ब्रांडेड उत्पाद खरीदना या इस्तेमाल करना चाहते हैं।
एपल कंपनी भी इसका अच्छा उदाहरण है। कंपनी पहले सिर्फ प्रीमियम वर्ग को फोकस कर फोन बनाती थी। लेकिन अब उभरते बाजारों में मौजूदगी दर्ज कराने के लिए एपल ने आईफोन के सस्ते वर्जन भी लॉन्च किए हैं।
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