Monday, June 30, 2014

Sometimes Small Events are Hidden With Pearls of Wisdom - Inspirational and Motivational Story in Management Funda - N Raghuraman - 30th June 2014

Have you ever come across events in Life which are hidden with pearls of wisdom? May be or may be not. This Inspirational and Motivational story is really heart touching, which was experienced by Management Guru, N Raghuraman duringone of his pilgrimage to Shirdi, the Abode of Sai Baba.

In his column Management Funda, he narrates an incident where an old man lost his wallet,which was found by a young aristocratic man. The old man comes to know that the wallet is in safe hands and stakes claim to his wallet. The man asks the old man to reveal the contents of the purse. The old man says besides a petty amount there is a photograph of Sai Baba. The man reminds him that all the devotees would carry a photograph of Sai Baba and it is quite common especially in Shirdi.

In the meantime some shopkeepers came in support of the old man, that the wallet was indeed his, by this time even the young man was convinced that the wallet did belong to that old man. But before handing over the wallet to the old man, he asked him why doesn't he keep the picture of his family?

The old man was expecting this and what he later told, was an eye opener for all which had left many of the bystanders including N. Raghuraman shocked and numb. The old man said that the wallet was gifted to him by his father, for saving money. He was so over whelmed that he started keeping his parents pictures,later in his youth he started keeping his picture and later when he got married he kept his wife picture, which soon got replaced by the picture of his twin sons.

As time passed by his wife passed away and now with the present lifestyle of his sons they don't have time for their father. This has left him disillusioned, and since past one year he has found solace under Sai Baba at Shirdi.

Everyone was in tears, the old man continues, and says, like how he had loved his family,if he had remembered God the life would have been better and without any expectations, because unlike his Family, Lord Sai Baba shall never leave him.

The moral of this inspiring and motivating story is that sometimes we don't recognize the value of small events in our life which has the whole world of wisdom in it.                               

कभी-कभी छोटी घटनाओं में ज्ञान के मोती छिपे होते हैं


मैनेजमेंट फंडा  -  एन. रघुरामन

 

कुछ दिनों पहले ही मैं शिरडी गया। वहां मैंने देखा कि एक व्यक्ति सड़क किनारे मिले बटुए के असली मालिक को तलाश रहा है। इस बटुए में 280 रुपए थे और साई बाबा की तस्वीर भी। कुछ देर बार एक बुजुर्ग व्यक्ति उसके पास आया और कहने लगा कि बटुआ उसका है। जिस व्यक्ति को बटुआ मिला था वह काफी संभ्रांत लग रहा है। अच्छे कपड़े पहने हुए थे। 

उसने बुजुर्ग से कुछ सवाल पूछना शुरू कर दिए। ताकि यह पक्का कर सके कि उसका दावा सही है या नहीं। उस व्यक्ति ने बुजुर्ग से कहा, 'मैं यह बटुआ किसी गलत व्यक्ति के हाथ में नहीं दूंगा।' उसने उनसे कहा, 'आप साबित करें कि बटुआ आपका ही है। बुजुर्ग ने कहा, 'इसमें साई की तस्वीर है।' युवक ने पलटकर कहा, 'शिरडी में साई की तस्वीर वाले बटुए मिलना आम बात है।' 

Source: Sometimes Small Events are Hidden With Pearls of Wisdom - Inspirational and Motivational Story in Management Funda By N Raghuraman - Dainik Bhaskar 30th June 2014  


बुजुर्ग कुछ और बताते इससे पहले ही वहां मौजूद दो दुकानदार उस युवक के पास आ गए। वे कहने लगे, 'हम इन बुजुर्ग को जानते हैं। ये यहां एक महीने से रोज आ रहे हैं। यह बटुआ इनका ही है।' युवक को भरोसा हो चला था। लेकिन बटुआ उन बुजुर्ग को देने से पहले उसने एक और सवाल किया। कहा, 'आप इसमें घरवालों की तस्वीर क्यों नहीं रखते। इससे आपको ऐसे मौके पर बटुए की पहचान बताने में आसानी होगी।' 

बुजुर्ग शायद इस तरह के सवाल की उम्मीद कर ही रहे थे। लेकिन उन्होंने जो जवाब दिया वह हर किसी के लिए आंखें खोल देने वाला था। उस युवक के लिए भी जिसने सवाल किया था। और मुझ जैसे लोगों के लिए भी जो मौके पर मौजूद थे। बुजुर्ग एक सांस में जवाब दे गए। 

बताने लगे, 'मेरे पिता ने यह पर्स मुझे दिया था। ताकि मैं अपनी पॉकेट मनी संभाल कर रख सकूं। तब मैंने अपने माता-पिता की तस्वीर इसमें रखी। बड़ा हुआ तो उनकी तस्वीर हटाकर अपनी ही लगा ली। उस वक्त मैं काफी अच्छा दिखता था। शादी के बाद पत्नी की तस्वीर ने बटुए में जगह ले ली। लेकिन कुछ दिन बाद पत्नी ने इसमें हमारी शादी की तस्वीर लगा दी। फिर नया अध्याय शुरू हुआ, जब पत्नी ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया।' वे कह रहे थे, '...बच्चों के जन्म के बाद मैं ऑफिस देर से जाने लगा। ड्यूटी से जल्दी लौट भी आता। जाहिर तौर पर अब मेरे बटुए में बच्चों की तस्वीर जगह बना चुकी थी।' 

अब तक उनकी आंखें नम हो चुकी थीं। हालांकि वे कहानी बयां करते रहे। उनके मुताबिक, '...करीब 18 महीने पहले मेरी पत्नी मुझे अकेला छोड़कर चली गई। मेरे दोनों बेटे अपने परिवारों के साथ व्यस्त हो गए। उनमें से किसी के पास मुझसे बात करने तक वक्त नहीं था। बेटे मुझसे दूर हो रहे थे।' '...ये वही बेटे हैं, जिनकी तस्वीर मैं बटुए में रखकर घूमता था। लेकिन अब उनके पास मेरे लिए वक्त नहीं था। 

मैं अकेला रह गया था। कुछ सूझ नहीं रहा था कि क्या करूं। तब मैं साई की शरण में आने लगा। ताकि मन को कुछ शांति मिले। यहां आकर मुझे अच्छा लगा। इसलिए बटुए में भी साई की तस्वीर लगा ली। मुझे अहसास हुआ कि साई मुझे छोड़कर कभी नहीं जाएंगे। वे हमेशा मेरे साथ रहेंगे। 

काश! यह अहसास मुझे पहले हो गया होता। मैनें भगवान से प्रेम किया होता।' '...जैसे परिवार की अहमियत को समझा, वैसे ही ईश्वर के अस्तित्व को समझा होता तो मैं कभी खुद को अकेला महसूस नहीं करता। 

बहरहाल, अब मैं अकेला नहीं हूं। जैसे एक साल पहले था। साई मेरे साथ हैं।' उनकी आंखों में नमी अब भी थी। लेकिन चेहरे पर मुस्कुराहट, तसल्ली के साथ। हमें लगा जैसे उनकी आंखों में खुशी के आंसू हैं। लेकिन अब वहां खड़े लोगों की आंखें भी नम हो चुकी थीं। और खुशी की वजह से नहीं बल्कि आंखों पर पड़ा पर्दा हट जाने की वजह से। 

मैं साई के दर्शनों को जा चुका था। बाहर निकला तो मंदिर के पास की दुकान पर किसी की आवाज सुनाई दी। कोई दुकानदार से कह रहा था, 'मुझे साई की एक छोटी सी तस्वीर दीजिए। जिसे बटुए में रखा जा सके।' 

मुझे नहीं मालूम कि तस्वीर मंगाने वाला यह व्यक्ति थोड़ी देर पहले हुई घटना का साक्षी था या नहीं। शायद रहा भी हो। 


फंडा यह है कि...

 

कभी-कभी छोटी घटनाएं जिंदगी में बड़ा सबक दे जाती हैं। कौन जाने इन घटनाओं में ज्ञान के मोती छिपे हों। 

 

Inspirational and Motivational Story in Management Funda By N Raghuraman

 

 

 

 

 

 

 

 

   

 

Source: Sometimes Small Events are Hidden With Pearls of Wisdom - Inspirational and Motivational Story in Management Funda By N Raghuraman - Dainik Bhaskar 30th June 2014    

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