स्वस्थ रहना है तो आप जो खाना चाहते हैं, उसे उगाए
मैनेजमेंट फंडा - एन . रघुरामन
बाजार में बिक रही सब्जियां दिखने में कितनी ही अच्छी क्यों न हो, सभी ताजा नहीं होतीं। उनमें से सभी स्वास्थ्यकर भी नहीं होती। यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेस (यूएएस) के विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों का दावा है कि बाजार में उपलब्ध तकरीबन आधी हरी और ताजा सब्जियां घटिया होती हैं। इन सब्जियां के लिए ज्यादातर गंदा पानी इस्तेमाल होता है, इसलिए उनमें साल्मोनेला और बैक्टीरिया भी हो सकते हैं। यह एक गंभीर बीमारी के तौर पर विकसित हो सकते हैं। ऐसे में भारी-भरकम खर्च करने के बाद कोई दावे के साथ यह नहीं कह सकता कि सब्जी अच्छी है। हर शहर में कई तरह के मेले और प्रदर्शनियां आयोजित होती है। लेकिन हममें से किसी ने भी कभी यह नहीं सुना होगा कि किसी प्रदर्शनी में हमें बाजार से इन जहरीले सब्जियों को खरीदने से रोकने में मदद की हो।
Source: Management Funda By N Raghuraman - Dainik Bhaskar 28th October 2013
शहर में रहने वाले लोगों की मदद के लिए यूएएस के वैज्ञानिकों ने बेंगलुरू में 27-28 अक्टूबर को अर्बन कृषि मेला आयोजित किया है। यह दो दिवसीय मेला-कम-वर्कशॉप है। इस दौरान लोगों को काफी कम खर्च पर अपने आंगन, टैरेस, बालकनी या पड़ोस में मौजूद खाली प्लॉटों पर सब्जी उगाने के तरीके सिखाए जाएंगे। मेले का नारा था- ‘जो आप खाते हैं उसे उगाएं और जो आप उगाते हैं उसे खाएं’। फिलहाल 10,500 सदस्यों में से 60 प्रतिशत अपने फल और सब्जियां खुद उगा रहे हैं। संगठन को आर्थिक तौर पर मजबूती देने के लिए यूएएस शहरभर में कई किचन गार्डन के रखरखाव का सालाना ठेके लेता है। फिलहाल 2500 लोग इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। प्रत्येक सदस्य के किचन गार्डन में हर महीने विशेषज्ञ चार दौरे करते हैं। वे आते हैं और गार्डन को मैनेज करते हैं। बाकी दिन मालिकों को सिर्फ पानी देना होता है।
चार लोगों के एक परिवार को बहुत ज्यादा सब्जियों की जरूरत नहीं होती। लेकिन आम तौर पर पैरेंट्स के पास मार्केट जाने का समय नहीं रहता। इस वजह से वे एक बार में कई किलो सब्जी खरीदकर फ्रिज में रख देते हैं। फिर उसे एक-दो हफ्ते तक इस्तेमाल करते हैं। यदि कोई घर के आंगन या टैरेस पर गार्डन विकसित करता है तो उसके
पास सब्जियों के विकल्प रहते हैं। साथ ही सब्जियां ताजा, पोषक और स्वास्थ्यकर रहती है। यूएएस के टैरेस गार्डन सदस्य आपस में सब्जियोंका लेन-देन भी करते हैं।
आयोजक सभी तरह के सब्जियों और फलों की फसल उगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। लेकिन उनका खास जोर हरी और पत्तों वाली सब्जियों पर है। इनमें शामिल है- सेम, पत्तागोभी, कई तरह ककड़ियां, गाजर, चुकंदर और हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे- पालक, धनिया, पुदीना आदि। उन्होंने एक तैयार ‘पॉली ट्रे’ तैयार किया है, जिसमें 55 किस्मों की सब्जियों के अंकुरित बीज है। लोगों को सिर्फ उन्हें गमलों में रोपना होता है। इससे उन्हें फर्जी बीजों की समस्या का सामना भी नहीं करना पड़ता। विशेषज्ञों का कहना है कि चार सदस्यों के परिवार के लिए फल और सब्जियों को उगाने में 500 रुपए से ज्यादा खर्च नहीं आता। इससे सब्जियों पर मासिक खर्च 75 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति का घर 30 गुणा 40 फीट के प्लॉट पर बना है और टैरेस पर 150 से 250 वर्गफीट की जगह है, वह छह या सात किस्मों की सब्जियां उगा सकता है। यूएएस के पास बिल्डिंग पर दबाव कम करने के तरीके भी हैं। कोई भी व्यक्ति प्लास्टिक बैग्स, बाल्टियों और सॉफ्ट ड्रिंक की बोतलों में भी सब्जियां उगा सकते हैं। मिट्टी के बजाय हल्के कॉयर पिथ मिश्रित जैविक खाद के मिश्रण का भी इस्तेमाल हो सकता है।
शहर में रहने वाले लोगों की मदद के लिए यूएएस के वैज्ञानिकों ने बेंगलुरू में 27-28 अक्टूबर को अर्बन कृषि मेला आयोजित किया है। यह दो दिवसीय मेला-कम-वर्कशॉप है। इस दौरान लोगों को काफी कम खर्च पर अपने आंगन, टैरेस, बालकनी या पड़ोस में मौजूद खाली प्लॉटों पर सब्जी उगाने के तरीके सिखाए जाएंगे। मेले का नारा था- ‘जो आप खाते हैं उसे उगाएं और जो आप उगाते हैं उसे खाएं’। फिलहाल 10,500 सदस्यों में से 60 प्रतिशत अपने फल और सब्जियां खुद उगा रहे हैं। संगठन को आर्थिक तौर पर मजबूती देने के लिए यूएएस शहरभर में कई किचन गार्डन के रखरखाव का सालाना ठेके लेता है। फिलहाल 2500 लोग इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। प्रत्येक सदस्य के किचन गार्डन में हर महीने विशेषज्ञ चार दौरे करते हैं। वे आते हैं और गार्डन को मैनेज करते हैं। बाकी दिन मालिकों को सिर्फ पानी देना होता है।
चार लोगों के एक परिवार को बहुत ज्यादा सब्जियों की जरूरत नहीं होती। लेकिन आम तौर पर पैरेंट्स के पास मार्केट जाने का समय नहीं रहता। इस वजह से वे एक बार में कई किलो सब्जी खरीदकर फ्रिज में रख देते हैं। फिर उसे एक-दो हफ्ते तक इस्तेमाल करते हैं। यदि कोई घर के आंगन या टैरेस पर गार्डन विकसित करता है तो उसके
पास सब्जियों के विकल्प रहते हैं। साथ ही सब्जियां ताजा, पोषक और स्वास्थ्यकर रहती है। यूएएस के टैरेस गार्डन सदस्य आपस में सब्जियोंका लेन-देन भी करते हैं।
आयोजक सभी तरह के सब्जियों और फलों की फसल उगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। लेकिन उनका खास जोर हरी और पत्तों वाली सब्जियों पर है। इनमें शामिल है- सेम, पत्तागोभी, कई तरह ककड़ियां, गाजर, चुकंदर और हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे- पालक, धनिया, पुदीना आदि। उन्होंने एक तैयार ‘पॉली ट्रे’ तैयार किया है, जिसमें 55 किस्मों की सब्जियों के अंकुरित बीज है। लोगों को सिर्फ उन्हें गमलों में रोपना होता है। इससे उन्हें फर्जी बीजों की समस्या का सामना भी नहीं करना पड़ता। विशेषज्ञों का कहना है कि चार सदस्यों के परिवार के लिए फल और सब्जियों को उगाने में 500 रुपए से ज्यादा खर्च नहीं आता। इससे सब्जियों पर मासिक खर्च 75 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति का घर 30 गुणा 40 फीट के प्लॉट पर बना है और टैरेस पर 150 से 250 वर्गफीट की जगह है, वह छह या सात किस्मों की सब्जियां उगा सकता है। यूएएस के पास बिल्डिंग पर दबाव कम करने के तरीके भी हैं। कोई भी व्यक्ति प्लास्टिक बैग्स, बाल्टियों और सॉफ्ट ड्रिंक की बोतलों में भी सब्जियां उगा सकते हैं। मिट्टी के बजाय हल्के कॉयर पिथ मिश्रित जैविक खाद के मिश्रण का भी इस्तेमाल हो सकता है।
फंडा यह है कि..
किचन का मैनेजमेंट किसी कॉपरेरेट के मैनेजमेंट से कम नहीं है। खास तौर पर जब मुद्दा स्वास्थ्य से जुड़ा होता है।
Source: Management Funda By N Raghuraman - Dainik Bhaskar 28th October 2013
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