प्रतिस्पर्धियों की भीड़ में आपकी रणनीति क्या है?
मैनेजमेंट फंडा - एन. रघुरामन
आप जब भी कुछ नया करना चाहते हैं तो क्या बिल गेट्स के बारे में सोचते हैं? या फिर सिलिकॉन वैली, इन्फोसिस, स्टीव जॉब्स? और कुछ नहीं तो किसी टेक्नोसेवी दोस्त के बारे में ही? ज्यादातर लोग शायद ऐसा सोचते होंगे। लेकिन सच ये है कि उदयपुर में झील किनारे एक कुर्सी की दुकान लगाने वाले नाई और हरियाणा के अंबाला में पानी-पुरी बेचने वाले के पास भी ढेरों आइडिया होते हैं। ऐसे आइडिया जो ग्राहकों की उम्मीद के करीब होते हैं। मिसाल मौजूद हैं। उदयपुर में झील किनारे नाई की दुकान है। सिर्फ एक कुर्सी वाली दुकान। नाम है, ‘लेक व्यू सैलून।’ इस दुकान को चलाने वाला कभी खाली नहीं बैठता। चेतक सर्कल पर स्थित मयूर ब्यूटी सैलून चलाने वाला नाई शहर के बड़े पार्लरों में जाता रहता है। ताकि खुद को नई तकनीक से अपडेट करता रहे। ऐसे ही अंबाला में गैलेक्सी मॉल के पीछे तरफ श्रीराम चाट भंडार है। जब तक दुकान खुली रहती है, यहां भीड़ कम नहीं होती। इसके गोलगप्पे काफी मशहूर हैं। एक प्लेट में सात गोलगप्पे मिलते हैं। हर एक में वही मसाला। लेकिन पानी अलग-अलग। लोगों की पसंद के मुताबिक, किसी के लिए जीरे का तो किसी को पुदीने वाला। कब किसका नंबर आएगा इसकी जानकारी बोर्ड पर लगाई जाती है। उसके हिसाब से गोलगप्पे सर्व किए जाते हैं।
Source: Management Funda By N Raghuraman - Dainik Bhaskar 24th October 2013
चंडीगढ़ के सेक्टर-22 में दस साल पहले तक वीराना नजर आता था। लेकिन अब यहां हर रात दिवाली जैसी होती है। ठीक वैसे ही जैसे हरिवंश राय बच्चन ने अपनी रचना ‘मधुशाला’ में जिक्र किया है। वजह है यहां मौजूद अरोमा होटल। इसके मालिकों की सोच और कोशिशों के बाद यहां आज होटल के ग्राउंड फ्लोर पर दुनिया के नामी ब्रांड के खान-पान काउंटर खुले हुए हैं। अरबों रुपए के वर्जिन ग्रुप ने अपनी कारोबारी यात्रा एक स्टूडेंट मैगजीन से शुरू की थी। उसमें भी पहले ज्यादातर हिप्पियों के बारे में छपा करता था। इस ग्रुप ने शुरू से अपने ग्राहकों की जरूरतों को समझा। और सिर्फ वही पेश किया जो उनकी मांग थी। अपेक्षा थी। यानी इन सब कहानियों का एकमात्र सारांश। दुनिया हो या अपने शहर का सफल कारोबारी। सबने अपने ग्राहकों ही जरूरतों को पहचाना, समझा और फिर उसी के हिसाब से चीजें पेश कीं।
फंडा यह है कि..
अगर आप एक उद्यमी हैं और छोटा कारोबार कर रहे हैं तो आपको रणनीति बनानी होगी। कैसे आप प्रतिस्पर्धा में टिके रहें। कैसे भीड़ से खुद को अलग रखें। नए-नए प्रयोग भी करते रहें।
Source: Management Funda By N Raghuraman - Dainik Bhaskar 24th October 2013
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