रास्ता या तो ढूंढ लीजिए या बना दीजिए
मैनेजमेंट फंडा - एन. रघुरामन
उनकी लंबाई छह फीट के करीब है। देखने में सुंदर, सुशिक्षित और अपने पेशे में सम्मानित। वह सिर्फ डॉक्टर और सर्जन नहीं हैं बल्कि ऑर्थोपेडिक सर्जरी की फील्ड में सर्वश्रेष्ठ लोगों में गिने जाते हैं। लोग उन्हें दिखाने के लिए, उनसे सलाह लेने के लिए महीनों तक इंतजार करते हैं। खासकर अगर कंधे से जुड़ी कोई समस्या हो तो। या फिर किसी दुर्घटना में कमर के ऊपर कोई दिक्कत आ गई हो तो। अमेरिका में वे उन डॉक्टरों में शामिल हैं, जिनकी सबसे ज्यादा पूछ-परख है। लेकिन उनके जीवन में 2009 में एक बड़ी परेशानी आई। उनकी रीढ़ की हड्डी में कहीं खून की थैली बन जाने का पता चला। इस बीमारी को कैवरनस हेमैन्जिओमा कहते हैं। ऑपरेशन के जरिए रीढ़ की हड्डी से खून की थैली को हटाया जा सकता था। लेकिन डर था। उनके डॉक्टर दोस्त ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान या बाद में उन्हें लकवा मार सकता है। इसलिए उन लोगों ने ऑपरेशन न करने का तय किया। तब तक जब तक कि इस समस्या से उन्हें कोई खास दिक्कत न हो। जिंदगी चलती रही। ग्यारह महीने निकल गए। फिर एक दिन अचानक जब वे ऑपरेशन थिएटर की ओर जा रहे थे, उनके रीढ़ की हड्डी में मौजूद खून की थैली फट गई। उन्हें तुरंत ऑपरेशन के लिए ले जाना पड़ा। सितंबर 2010 की बात है यह। उनका ऑपरेशन हुआ और उनके कमर के नीचे के हिस्से में लकवा मार गया।
स्रोत: Either Find A Way or Make One - Management Funda By N Raghuraman - dainik bhaskar 30th November 2013