खानपान व्यवसाय में कमाई बढ़ाने का नुस्खा है बेहतर सफाई
मैनेजमेंट फंडा - एन. रघुरामन
सर्दी का मौसम आते ही देश में स्ट्रीट फूड व्यवसाय में तेजी आ जाती है। क्योंकि इस मौसम में तीखे और मसालेदार खानपान के शौकीन सड़क किनारे लगने वाली दुकानों में जाकर इसका आनंद लेते हैं। दिल्ली की सड़कों पर मिलने वाले राज कचौरी, आलू टिक्की, मटर कुलचा और कोलकाता में तीखे स्वाद वाले पुचका और चटनी के साथ मोमो की दुकानों पर लोगों की भीड़ इसकी लोकप्रियता को खुद ही बयान करती है। इसी तरह स्ट्रीट व्यंजनों के शौकीन मुंबई की चौपाटी बीच पर जाकर पाव-भाजी, पानीपुरी और बड़ा पाव का स्वाद और चेन्नई में दाल बड़ा और अप्पम का स्वाद लेते लोगों को देखा जा सकता है। अहमदाबाद के माणेक चौक और इंदौर के राजवाड़ा, भोपाल के होशंगाबाद रोड और जयपुर के राजा पार्क और वैशाली नगर में भी इसी तरह के स्ट्रीट फूड का सर्दियों में व्यवसाय बढ़ जाता है। लोग सड़कों पर खड़े होकर गोल गप्पे या पानीपुरी, आलू टिक्की और बड़ा पाव को बड़े चाव से खाते देखे जा सकते हैं।Source: Cleanliness Increases Profits In Food Business - Management Funda By N Raghuraman - Dainik Bhaskar 23rd November 2013
एक अनुमान के मुताबिक खुद का व्यवसाय करने वालों में करीब 18 प्रतिशत लोग स्ट्रीट फूड व्यवसाय से जुड़े हैं। वहीं खानपान से जुड़े कुल लोगों में से 60 फीसदी सड़क किनारे चल रहे फूड व्यवसाय से जुड़े हैं। आश्चर्यजनक तथ्य यह भी हैं कि खुद का व्यवसाय करने वाले महिला और पुरुषों में केवल दो प्रतिशत लोग ही अच्छा मुनाफा कमा पाते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि अधिकांश व्यवसायी जो सड़कों पर खान-पान की चीजें बेचते हैं वे अपने व्यंजनों को बनाते समय साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं। शिवपुरी में माधव चौक पर बिकने वाले स्ट्रीट फूड का उदाहरण लिया जा सकता है। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में यहां से भाजपा प्रत्याशी यशोधरा राजे सिंधिया और कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रघुवंशी के बीच मुकाबला हो रहा है। मैंने देखा कि यहां सुबह पांच बजे से चाय से लेकर तले हुए व्यंजन देर रात तक बेचे जाते हैं। जो चाय और व्यंजन यहां बेचे जा रहे हैं उन पर धूल की परत जमी रहती है। माधव चौक पर इन्हें खाने के अलावा लोगों के पास कोई विकल्प नहीं रहता है।
इस व्यवसायियों को पाकिस्तान के लाहौर में ग्वालमंडी के स्ट्रीट वेंडरों से सीखने की जरूरत है। मैंने अपने लाहौर प्रवास के दौरान देखा था कि वहां स्ट्रीट वेंडर साफ-सफाई से किसी तरह का समझौता नहीं करते। बल्कि वे अपने प्रतिद्वंदी से ज्यादा साफ -सफाई रखने की कोशिश करते हैं। वहां अनेक वेंडर पानीपुरी में बोतल का पानी का इस्तेमाल करते हैं। इस साफ-सफाई को लेकर वेंडर और स्ट्रीट फूड खाने वाले भी ध्यान रखते हैं। अब फाइव स्टार होटल भी इस व्यवसाय में उतरने की तैयारी में है। पिछले सप्ताह रेडिसन ब्लू होटल ने गाजियाबाद में पेन इंडिया में स्ट्रीट फूड सेलिब्रेशन का आयोजन किया था। इसका टाइटल स्ट्रीट फ्लेवर आफ इंडिया फेस्टिवल रखा गया था। रेडिसन होटल ने डिनर में सभी मेट्रो शहरों के स्ट्रीट फूड का ऑफर दिया था। इसमें सड़कों पर मिलने वाली मैगी को उसी तरह से पुदीने की पत्ती और प्यास से गार्निश किया गया था। यहां आने वाले लोग एक हाथ में पिंक कैंडी व दूसरे हाथ में रखी प्लेट में करारी जलेबी, जिसके ऊपर ठंडी रबड़ी रखी हुई थी, लिए घूमते देखे जा रहे थे। ऐसी हर प्लेट के लिए उन्हें साढ़े सात सौ रुपए चुकाने पड़े थे।
फंडा यह है कि...
साफ-सफाई एकमात्र जरिया है जिससे खान-पान व्यवसाय में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। अगर आप छोटे खान-पान व्यवसायी हैं तो आपको इसका ज्यादा ध्यान रखना पड़ेगा और इसका असर आपके कैश बॉक्स पर सीधा दिखेगा।
Source: Cleanliness Increases Profits In Food Business - Management Funda By N Raghuraman - Dainik Bhaskar 23rd November 2013
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