स्नैपचैट ने फेसबुक का तीन बिलियन डॉलर का प्रस्ताव ठुकराया
चीन की टेंसेंट भी कतार में
अपूर्व सक्सेना - जयपुर
इनकी उम्र मात्र २३ साल की है और वे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के ड्रॉपआउट छात्र है और उनकी स्टार्टअप कंपनी को सिलिकॉन वैली की कई नामी वेंचर कैपिटलिस्टिक कम्पनीयां उन्हें अपना समर्थन दे रही है।
स्नैपचैट के संस्थापक इवान स्पीगेल अगले डॉटकॉम बिलियन बॉय बनने की तैयारी में है, और फेसबुक ने तो उन्हें इसका प्रस्ताव भी दे दिया है, वो भी कोई छोटा मोटा नहीं बल्कि पूरे तीन बिलियन डॉलर का ऑफर, जिसे स्नैपचैट के संस्थापक इवान स्पीगेल ने ठुकराया दिया है।
स्रोत : http://en.wikipedia.org/wiki/File:Snapchat_logo.png |
स्रोत : www.policymic.com |
स्नैपचैट - एक ऐसी मोबाइल एप्प सेवा है जिसका उपयोग युवा वर्ग के लोग काफी पसंद कर रहे हैं। ये मोबाइल एप्प यूज़र्स को एक दुसरे से कम्यूनिकेट करने के लिए एक अलग ही अनुभव प्रदान करता है जहां वे एक दूसरे को फ़ोटो भेजते है जो कुछ ही सेकण्ड्स के बाद खुद अपने आप ही डिलीट हो जाती है।
इवान स्पीगेल ने स्नैपचैट की शुरुआत २०११ के सितम्बर में की थी, वैसे उनके यूज़र्स की संख्या इवान स्पीगेल नहीं बता रहे है पर एक अनुमान के अनुसार उनके यूज़र्स की संख्या करीब करीब सात मिलियन हो सकती है।
स्नैपचैट के संस्थापक इवान स्पीगेल के अनुसार "अल्पकालिक मीडिया" का उनका यह आईडिया - जो आपके सोशल इंटरेक्शन का कोई भी ट्रेस नहीं छोड़ता, बड़ा ही ताकतवर है जिसके गवाह उनके सात मिलियन यूज़र्स है। शुरुआत के कुछ महीने, इस आईडिया को लोगो में पहुंचाने में कुछ मुशकिले ज़रूर आयी क्यूंकि उस समय स्टैनफोर्ड में ऐसे कई स्टूडेंट्स थे जो मोबाइल एप्प्स बनाने में लगे थे और उनमें से कोई भी उनकी मदद नहीं करना चाहता था। वैसे कभी आपने इस बात पर गौर किया है कि कैलिफ़ोर्निआ की इस यूनिवर्सिटी में कोई अपनी पढ़ाई पूरी क्यूँ नहीं कर पाता है ? खैर २०१२ के शुरुआती साल में स्नैपचैट को स्कूल जाने वाले टीनएज बच्चों से काफी सपोर्ट मिला और उनका एप्प हिट हो गया, उन्हें अब इस बात का पता चल गया था कि सोशल नेटवर्किंग साईट पर दोस्तों से चैट करना या अपना स्टेटस पोस्ट करने से बेहतर स्नैपचैट है जहां उन्हें गिद्ध की नज़र से कोई नहीं देख रहा। स्नैपचैट के बारे में दो धारणा बनने लगी पहली - कि ये एप्प सेवा टीनएज बच्चों की, एक दूसरे की आपत्तिजनक तस्वीरे भेजने का जरिया बन गयी और दूसरी - कि स्नैपचैट, फेसबुक के लिए खतरे की घंटी साबित हो रही है।
स्रोत : allthingsd.com |
इन सब के बीच स्नैपचैट के संस्थापक इवान स्पीगेल सिलिकॉन वैली के बजाय अपनी नज़रें चीन की तरफ रख रहे है। वे वी चैट की कम्पनी टेंसेंट की तरफ झुकते हुए नज़र आ रहे है क्यूंकि उन्हें टेंसेंट का रेवेन्यू मॉडल काफी पसंद आ रहा है, इवान मानते है कि लोग अपने मनोरंजन के लिए पैसे देने से नहीं हिचकेंगे जब्कि ट्विटर और फेसबुक जैसी कम्पनियाँ एक सेवा प्रदाता कंपनी है और लोग इसके लिए उन्हें पैसे नहीं देंगे तभी फेसबुक और ट्विटर का पूरा का पूरा बिज़नस एडवरटाइजिंग के रेवेन्यू मॉडल पर आधारित है।
इवान स्पीगेल मानते है की फिलहाल अगले साल तक उनका स्नैपचैट को लेकर किसी दूसरी कम्पनी के द्वारा अधिग्रहण पर सहमति का उनका कोई विचार नहीं है। पर ये कोई आशचर्य की बात नहीं होगी कि जल्द ही कोई दूसरी कम्पनी मल्टी बिलियन डॉलर का प्रस्ताव देकर स्नैपचैट को खरीदने का मन बनाये।
क्या पता कि मोबाइल मेसेजिंग एप्प्स की इस अल्पकालिक दुनिया में, कोई इवान स्पीगेल को इस बात का सुझाव दे की स्नैपचैट के बाज़ार के ठंडा होने से पहले ही डील कर लो वर्ना हाथ मलते रह जाओगे ।
इवान स्पीगेल मानते है की फिलहाल अगले साल तक उनका स्नैपचैट को लेकर किसी दूसरी कम्पनी के द्वारा अधिग्रहण पर सहमति का उनका कोई विचार नहीं है। पर ये कोई आशचर्य की बात नहीं होगी कि जल्द ही कोई दूसरी कम्पनी मल्टी बिलियन डॉलर का प्रस्ताव देकर स्नैपचैट को खरीदने का मन बनाये।
क्या पता कि मोबाइल मेसेजिंग एप्प्स की इस अल्पकालिक दुनिया में, कोई इवान स्पीगेल को इस बात का सुझाव दे की स्नैपचैट के बाज़ार के ठंडा होने से पहले ही डील कर लो वर्ना हाथ मलते रह जाओगे ।
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