सबके भीतर एक कर्ण है, जिसे मदद की जरूरत है
मैनेजमेंट फंडा - एन. रघुरामन
'महाभारत' महाकाव्य का दृश्य।
'कुरुक्षेत्र के मैदान में कर्ण घायल पड़े हैं, लेकिन उनके दान-पुण्य की
वजह से प्राणों ने देह छोडऩे से मना कर दिया है। लहू-लुहान और दर्द से कराह
रहे कर्ण की मदद को तब भगवान कृष्ण भिक्षुक के वेष में आकर उनके पूरे
पुण्य कर्मों की भिक्षा मांग लेते हैं। कर्ण भी बेझिझक यह दान दे देते हैं
और ठीक उसी वक्त प्राण उनका शरीर छोड़ देते हैं।' पर्दा गिरता है। सामने
बैठे दर्शक सीटों से खड़े होकर ताली बजाने लगते हैं। केरल और कर्नाटक की
सीमा पर मौजूद कुट्टा कस्बे के एक थिएटर का यह दृश्य था। नाटक खत्म होने के
बाद भीड़ उस हीरो को घेर लेती है, जिसने कर्ण की भूमिका निभाई थी। काफी
देर बाद जब भीड़ छंटी तो मैं भी उससे मिला। वह नाटक मंडली का लीडर था। उसने
अपना नाम बताया, 'करथीवरन।' केरल के वायनाड कस्बे का रहने वाला है।
हल्की-फुल्की बातचीत के बाद हम दोनों ने एक-दूसरे से विदा ली।
Source: There Is KARNA In All of Us, Who Needs Help - Motivation Management Funda By
N Raghuraman - Dainik Bhaskar 31st January 2014