आप जो करते हैं वही आपकी तकदीर है
मैनेजमेंट फंडा - एन. रघुरामन
कहानी 1:
दुनिया के सबसे अमीर शख्स
बिल गेट्स की पत्नी मिलिंडा गेट्स कुछ लोगों के साथ डिनर कर रही थीं। उनके
बगल में एक16 वर्षीय लड़की बैठी थी। इस लड़की का नाम था शिखा पात्रा। बातों
बातों में मिलिंडा ने शिखा से पूछा, क्रक्या तुम किस्मत जैसी बातों पर
यकीन करती हो। शिखा ने जवाब दिया, मैं जो करती हूं वही मेरी
तकदीर या किस्मत है। यह अप्रैल 2013 की बात है। इस मुलाकात के बाद 31
दिसंबर को मिलिंडा ने अपना फेसबुक स्टेट्स अपडेट किया। इसका शीर्षक था वह
प्रेरणादायक महिलाएं और लड़कियां जिनसे मैं इस साल मिली। इनमें हिलेरी
क्लिंटन, मलाला युसुफजई, क्वीन रैना और शिखा पात्रा शामिल हैं। बकौल
मिलिंडा यह वे हैं जिनसे वह काफी प्रभावित हुईं।
Source: What You Do Is Your Destiny - Management Funda By N Raghuraman - Dainik Bhaskar 10th January 2014
इनमें से शिखा के बारे में मिलिंडा ने
खासतौर पर लिखा। मिलिंडा के मुताबिक मैं सबसे ज्यादा शिखा से प्रभावित हुई।
इस लड़की में गजब का आत्मविश्वास है। कोलकाता के स्लम में पली बड़ी यह
लड़की खुद को और अपने समाज को बदलने का भरोसा रखती है। यह उस तबके से आती
है जहां लोगों को लगता है कि किस्मत उनके जीवन को नियंत्रित करती है। लेकिन
शिखा ऐसा नहीं मानती। वह अपनी किस्मत खुद लिखने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके
साथ ही दूसरों की जिंदगी में बदलाव लाना भी शिखा का कोशिशों में शामिल है।
शिखा कई माता-पिताओं और बच्चों को यह बताती है कि कैसे बीमारियों से बचा
जाए, स्वच्छता के प्रति जागरुक कैसे रहा जाए और सबसे बड़ी चीज बच्चों को
पोलियो और दूसरी जानलेवा बीमारियों से बचाने वाली वैक्सीन कहां और कैसे
मिलेगी। शिखा से मिलिंडा की मुलाकात अप्रैल 2013 सिएटल में टेडएक्सचेंज
समारोह के दौरान हुई थी। इसके बाद बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की सह
प्रमुख मिलिंडा ने शिखा के बारे में अपने ब्लॉग पर एक लेख लिखा था। इस
समारोह में स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार एक डॉक्यूमेंट्री की
स्क्रीनिंग हुई थी। जिसमें प्रयासम एनजीओ के संस्थापक अम्लान गांगुली
द्वारा समाज के लिए लीक से हटकर किए गए कामों का जिक्र था। ग्यारहवीं कक्षा
की छात्रा शिखा पात्रा इसी एनजीओ की सदस्य है। टेडएक्सचेंज एक कम्युनिटी है
बिल और मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ मिलकर जो दुनिया भर में स्वास्थ्य
और विकास के लिए काम करती है।
कहानी 2:
क्षारा समुदाय के लोगों को
ब्रिटिश राज के दौरान अपराधियों की श्रेणी में रखा जाता था। अगर आप किसी
पुलिस अधिकारी के सामने क्षारा का नाम ले लें तो संभव है कि वह आपके सामने
अपराधियों की एक लंबी चौड़ी सूची पेश कर दे। फिलहाल क्षारा को आदिवासी वर्ग
में रखा गया है। इसी समुदाय से आने वाले अनीस गरांगे की कहानी अलग है।
अनीस एक संगीतकार हैं। वह करीब 25 बच्चों को कई तरह के वाद्य यंत्र बजाना
सिखाते हैं। इसके अलावा अनीस ने कई वाद्य यंत्र खुद तैयार किए हैं। खास बात
ये है कि इन वाद्य यंत्रों का निर्माण कच्ची शराब बनाने में इस्तेमाल होने
वाले सामान से किया गया है। अनीस के बनाए इन यंत्रों से जब संगीत की
लहरियां निकलती हैं तो सुनने वाला सम्मोहित हो जाता है। इन वाद्य यंत्रों
ने इस समुदाय की तस्वीर को बदल दिया है। जिस समुदाय को कभी भी सराहा नहीं
गया। जिसे सिर्फ आपराधिक गतिविधियों के लिए जाना गया। इस संगीत को सुनने के
बाद लोगों ने समुदाय की हौसला अफजाई करना शुरू कर दिया। समुदाय के कई
बच्चों ने आईआईएम अहमदाबाद और मुद्रा कम्यूनिकेशन इंस्टीट्यूट जैसे बड़े
संस्थानों के अलावा देश के कई हिस्सों अपनी कला का प्रदर्शन किया। जिसको
काफी सराहा गया। इन बच्चों के अभिभावकों की आपराधिक पृष्ठभूमि हुआ करती थी।
लेकिन अब ये खुश हैं कि लोगों का नजरिया इनके समुदाय के प्रति बदल रहा है।
अब इनकी पहचान इनकी कला से हो रही है।
फंडा यह है कि...
आपकी जाति या गरीबी आपकी पहचान और यश में कभी बाधा नही बन सकती। आप किस्मत पर भरोसा कर सकते हैं। लेकिन अगर आप अपनी किस्मत फिर से लिखना चाहते हैं तो इससे आपको कोई नहीं रोक सकता।
Source: What You Do Is Your Destiny - Management Funda By N Raghuraman - Dainik Bhaskar 10th January 2014
No comments:
Post a Comment