ताजा चलन के हिसाब से अपने ब्रांड में तब्दीली करते रहिए
मैनेजमेंट फंडा - एन. रघुरामन
फौजा सिंह दुनिया के सबसे बुजुर्ग मैराथन धावक हैं। उन्होंने 2013 में मुंबई मैराथन में हिस्सा लिया था। उस वक्त उन्होंने इस पर नाखुशी जताई थी कि ऐसी प्रतिस्पर्धाओं में सिखों की भागीदारी बहुत कम है। इस असंतोष का सीधा असर ये हुआ कि 2014 की मुंबई मैराथन में 55 सिख हिस्सा लेने जा रहे हैं। पीली पगड़ी में ये लोग 'मुंबई दे सिख' नाम के बैनर तले इस प्रतिस्पर्धा में भाग लेंगे। फौजा सिंह ने मुंबई के बाद पिछले साल ही हांगकांग मैराथन में हिस्सा लिया था। इसके बाद वे रुक गए, क्योंकि उनकी तबीयत अब इसकी इजाजत नहीं देती। उनकी उम्र अब 102 साल हो चुकी है।
Source: Keep Your Brand Flexible According to Fresh Trends - Management Funda By N Raghuraman - Dainik Bhaskar 16th January 2014
देश भर में मैराथन जैसी प्रतिस्पर्धाएं साल-दर-साल बड़ी होती जा रही हैं। काफी लोगों के फेसबुक पेज ऐसे लोगों की तस्वीरों से अटे पड़े हैं, जो इनमें हिस्सा ले रहे हैं। कुछ लोगों ने तो अगले स्तर की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। ये लोग मैराथन को 'रन फॉर फन' कह रहे हैं। यहां अलग तरह की चुनौतियां नजर आती हैं जिनका वे सामना करना चाहते हैं। इस लिहाज से 2014 में इस तरह के अनेक चुनौतीपूर्ण मौके आने वाले हैं। शुरुआत हैदराबाद में 5,000 फीट (लगभग डेढ़ किलोमीटर) की मड रन से होगी। यहां प्रतिभागियों को कीचड़ और पानी से गड्ढों की बाधाएं पार करते हुए फिनिश लाइन तक पहुंचना होगा। फिर बेंगलुरू में मिडनाइट मैराथन होगी। इसमें रनिंग ट्रैक के साथ बड़ी फ्लैश लाइटें, वीडियो स्क्रीन और रॉक बैंड भी होगा। युवाओं के बीच यह दौड़ काफी लोकप्रिय है।
मैसूर में होने वाली एक दौड़ में जंगल और धूल भरे रास्तों से होते हुए प्रतिभागी फिनिश लाइन तक पहुंचेंगे। यहां एक रोचक टीवी विज्ञापन का जिक्र किया जा सकता है। बनियान के इस विज्ञापन में सैफ अली खान 50,000 पुश अप्स बड़े आराम से करने का दावा करते हैं। ये संभव है या नहीं, यह एक अलग सवाल हो सकता है। लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि लोग अब हेल्थ को लेकर सचेत हो रहे हैं। कई लोग तो अपने ट्रैक सूट वगैरह कार में ही डालकर चलने लगे हैं।
रात में भी जॉगिंग का ट्रेंड जोर पकड़ रहा है। हेल्थ प्रॉडक्ट को लेकर लोग ज्यादा डिमांडिंग हो रहे हैं। फिटनेस इंडस्ट्री में संभावनाओं को देखते हुए कई यूनिवर्सिटीज ने ऐसे पेशेवर तैयार करना शुरू कर दिए हैं। भारत मे भी फिटनेस इंडस्ट्री धीरे-धीरे बढ़ रही है। व्यायामशाला का बलिष्ठ कोच अब स्मार्ट फोन से लैस हो चुका है। उसमें उससे कोचिंग लेने वाले सभी लोगों के बारे में पूरी जानकारी होती है।
किसकी क्या जरूरत है? उसी के मद्देनजर वह कोच लगातार इंटरनेट या अन्य स्रोतों से अपडेट लेकर लोगों के लिए वर्कआउट डिजाइन कर रहा है। ऐसे ही स्पोर्ट एसेसरीज सेंटर, योगा ग्रुप, फिटनेस स्टूडियो, वर्कआउट के लिए डिजाइनर वियर पार्लर, आदि बिजनेस के नए मॉडल सामने आए हैं। देश भर में सैकड़ों फूड कोर्ट खुले हुए हैं, जो साफ-सुथरी और स्वास्थ्यवर्धक डाइट उपलब्ध कराने का दावा करते हैं। यहां सुबह कई तरह के जूस उपलब्ध होते हैं। दोपहर को सलाद और शाम को सूप। बीच में उबला हुआ खाना भी रहता है। मतलब सबकुछ वेल डिजाइन्ड।
अब लोगों ने अपनी स्पोर्ट टाइमिंग भी बदल दी हैं। रात को कई युवा एक्जीक्यूटिव को इन दिनों स्पोट्र्स कॉप्लेक्स में देखा जा सकता है। और इस बिजनेस में नई एंट्री है-बिजनेस जिम्नेजियम। नए तरह के नाइट क्लब भी कहा जा रहा है इनको। दिन भर के काम के बाद जाकर आप यहां रात को अपना पसंदीदा टीवी चैनल देख सकते हैं। ब्राउन ब्रेड और सूप के साथ लोगों से मेल- मुलाकात कर सकते हैं। यानी सोने से पहले शरीर और दिमाग के लिए हेल्दी खुराक। अचरज नहीं होना चाहिए अगर 2014 में कई जिम्नेजियम नाइट क्लबों के इस नए कलेवर में नजर आएं तो।
फंडा यह है कि...
अगर आपको अपने शहर में फिटनेस इंडस्ट्री की छोटी सी खिड़की भी खुलती नजर आ रही है तो तुरंत उसमें कूद पडि़ए। इस बिजनेस में आज की छोटी शुरुआत आगे चलकर निश्चित रूप से बड़ी साबित होने वाली है।
Source: Keep Your Brand Flexible According to Fresh Trends - Management Funda By N Raghuraman - Dainik Bhaskar 16th January 2014
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