मुश्किल हालात से सिर्फ विशेषज्ञ ही बचा सकता है
मैनेजमेंट फंडा - एन रघुरामन
आप अपने बालों से तभी तक प्यार कर सकते हैं जब तक वे आपके सिर पर हैं। लेकिन एक बार वे काट दिए जाते हैं तो आप उन्हें पसंद नहीं करते। यहां तक कि एक बाल भी अगर शर्ट पर चिपका रह जाए तो आप तुरंत उसे हटाना चाहते हैं। यानी यह मानने में किसी को कोई हर्ज नहीं होगा कि कोई भी अपने बैग में कटे हुए बाल लेकर यहां-वहां नहीं जा सकता। या अपने पास रख नहीं सकता। बेंगलुरू के एक पुलिस स्टेशन वालों ने भी उस रोज कुछ इसी तरह की थ्योरी पर सोचा था। दरअसल, वहां दक्षिण अफ्रीकी नागरिक इक्वे बैसिल शिकायत लेकर पहुंचा था। शिकायत ये थी कि उसके घर से किसी ने इंसान के बालों से भरा बैग चुरा लिया है। इस बैग में करीब 40 किलो बाल थे।
Source: Difficult Situations Can Only Be Handled By Specialists - Management Funda By N Raghuraman - Dainik Bhaskar 28th January 2014
पुलिस वाले शिकायत सुनकर भौंचक थे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि कोई इंसान के बाल क्यों चुराएगा? तभी उन्हें याद आया कि नाकाबंदी के दौरान उन्हें एक ऑटो वाला मिला था। उसका असलम नाम था। उसने ऑटो में ढेर सारे इंसान के बाल रखे हुए थे। पुलिस ने पूछताछ की तो उसने बताया कि वह नाई का काम भी करता है। और वह इन बालों को फेंकने जा रहा है। पुलिस ने उसकी बात मान ली और उसे जाने दिया। जब तक बैसिल पुलिस स्टेशन नहीं आया था तब तक पुलिस अफसरों और जवानों को इंसानी बालों की अहमियत पता ही नहीं थी। असलम ने उन्हें बताया कि वह इन बालों का निर्यात करता है। दुनिया में भारत के बालों की काफी डिमांड है। तब पुलिस को माजरा समझ आया।
लेकिन अब बैसिल की समस्या सुलझाने के लिए पुलिस क्या करती? उसने जुगत लगाई। हेयर एंड ब्यूटी इंडस्ट्री के एक विशेषज्ञ को बुलाया। उससे इस क्षेत्र विशेष के बारे में पहले पूरी जानकारी ली। तब उन्हें पता चला कि भारत के बालों को विग और चोटी आदि बनाने के लिहाज से काफी अच्छा माना जाता है। अफ्रीका और पश्चिम के देशों में इनकी काफी मांग है। विशेषज्ञ ने यह भी बताया कि दो तरह के बाल होते हैं। एक-रैमी हेयर। दूसरा-नॉन रैमी हेयर। रैमी हेयर वे होते हैं जो मंदिरों आदि से इकट्ठे किए जाते हैं। इनमें क्यूटिकल (बालों के साथ त्वचा का हिस्सा भी) सलामत होता है, इसलिए ये सबसे अच्छे माने जाते हैं। नॉन रैमी हेयर वे होते हैं जो नाई की दुकानों आदि से इकट्ठे किए जाते हैं।
चूंकि भारत के मंदिरों में मुंडन कराने की परंपरा आम है, इसलिए यहां रैमी हेयर भी आसानी से और बहुतायत मिल जाते हैं। ये बाल आसानी से 15 से 25,000 रुपए प्रति किलो तक बिक जाते हैं। बालों की लंबाई के आधार पर भी कीमत निर्भर करती है, जबकि नॉन रैमी हेयर 5,000 रुपए प्रति किलो तक ही बिकते हैं। और किसी को भी जानकर यह अचरज होगा कि भारत में बालों का यह उद्योग करीब 2,500 करोड़ रुपए सालाना का हो चुका है। पुलिस के सामने वह विशेषज्ञ एक के बाद एक तथ्य बताए जा रहा था। और उन्हें जानने के बाद पुलिस को अब बैसिल की शिकायत की गंभीरता नजर आने लगी थी। यही नहीं वह इस चोरी के पीछे की कहानी को भी समझने की कोशिश कर रही थी।
उसने तुरंत ऑल इंडिया ह्यूमन हेयर एक्सपोर्टर एसोसिएशन के लोगों से संपर्क किया। इस एसोसिएशन की हमेशा से शिकायत रही है कि सरकार बालों की तस्करी रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। एसोसिएशन के लोगों ने बताया कि बालों की तस्करी आम तौर पर म्यांमार की सीमा से होती है। उन लोगों ने और भी कई जानकारियां दीं। पुलिस को अब तक यकीन हो गया कि दक्षिण भारत में बालों की तस्करी का बड़ा नेटवर्क हो सकता है। हालांकि अब तक उन्हें ये अहसास नहीं था कि इस नेटवर्क का केंद्र बेंगलुरू में ही होगा। जांच धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी। अगले दिन टैक्सी ड्राइवर असलम को पुलिस ने ढूंढ़ निकाला। उसे गिरफ्तार कर लिया गया। थोड़ी सख्ती में ही उसने पूरा सच बयां कर दिया।
फंडा यह है कि . . . .
किसी भी मुश्किल परिस्थिति से आपको सिर्फ एक विशेषज्ञ ही निकाल सकता है। क्योंकि ऐसी कई चीजें होती हैं जो आपकी समझ से परे होती हैं। लिहाजा, ऐसे मौकों पर उनकी सलाह जरूर लेनी चाहिए।
Source: Difficult Situations Can Only Be Handled By Specialists - Management Funda By N Raghuraman - Dainik Bhaskar 28th January 2014
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