आइडिया बड़े हों ताकि लोगों का ध्यान खीचें
मैनेजमेंट फंडा - एन. रघुरामन
पहली कहानी:
हर शहर की पुलिस को एक आम परेशानी है। वह ये कि दोपहिया वाहन चलाने वालों को हैलमेट पहनने के लिए कैसे राजी किया जाए। ट्रैफिक पुलिस के जवानों ने मुंह फेरा नहीं कि लोग हैलमेट उतारकर गाड़ी के हैंडल पर टांग लेते हैं। या फिर उसे पीछे बैठे व्यक्ति को पकड़ा देते हैं। लेकिन महाराष्ट्र में नासिक के एक 15 साल के बच्चे ने स्मार्ट हैलमेट बनाया है। इस बच्चे का नाम है अमिय नेरकर। अमिय रचना विद्यालय में 10वीं कक्षा में पढ़ता है। उसने जो हैलमेट बनाया है वह दोपहिया वाहन के इग्नीशन से जुड़ा है। इसकी खासियत ये है कि जब तक गाड़ी चलाने वाला हैलमेट नहीं पहने वह स्टार्ट ही नहीं होती। या पहना हुआ हैलमेट उतार दिया तो गाड़ी का इंजन बंद हो जाता है। अमिय ने तीन महीने से कम समय में इसे बनाया। उसने इसे पेटेंट कराने के लिए भी आवेदन किया है। हैलमेट में बहुत साधारण सा इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, एक ट्रांसमीटर, रिसीवर और एक नौ वोल्ट की बैटरी इस्तेमाल हुई है। यह हैलमेट अपने आप यह पता लगा लेता है कि ड्राइवर ने उसे पहना हुआ है या उतार दिया। उसके हिसाब से यह इंजन को ऑन-ऑफ कर देता है। अमिय को यह आइडिया तब आया जब उसके पिता का एक्सीडेंट हुआ। उन्होंने हैलमेट नहीं पहना था।
Source: Idea's Should Be Big To Attract People's Attention - Management Funda By N Raghuraman - Dainik Bhaskar 21st December 2013
दूसरी कहानी:
भुवनेश्वर का 12 साल का बच्चा आदित्य प्रसाद पति। प्रभुजी इंग्लिश मीडियम स्कूल में सातवीं कक्षा में पढ़ता है। उसे हाथियों से बड़ा प्यार है। उनकी मौत की खबरें उसे परेशान कर देती हैं। अगर हाथी की मौत किसी इंसान के हाथ से हुई हो तब तो उसकी परेशानी और बढ़ जाती है। उसने नोटिस किया कि इंसानों और हाथियों के बीच झगड़ा तब शुरू होता है जब हाथी धान के खेतों में घुस जाते हैं। इस झगड़े में हाथियों का ही नुकसान होता है। लिहाजा आदित्य इस समस्या से निपटने के लिए एक नए आइडिया के साथ सामने आया। आइडिया ऐसा कि हाथियों को इंसानी बस्तियों से दूर ही रखा जा सके। उसने देखा कि जब तक लोगों को उनके फायदे की चीज नहीं बताई जाएगी वे हाथियों की सुरक्षा के लिए तैयार नहीं होंगे। इसलिए उसने एक प्रोजेक्ट डेवलप किया। इसे नाम दिया, 'सेव लाइफ, लैंड फ्रॉम एलीफेंट' यानी हाथियों से जमीन और जीवन की सुरक्षा।' पिछले सप्ताह ओडिशा में एक विज्ञान प्रदर्शनी के दौरान उसके इस प्रोजैक्ट को सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया। आइडिया ये था कि हाथियों को रिहायशी इलाकों से दूर रखने के लिए स्मोक बम प्लांट किए जाएं। बहुत जरूरी बेसिक कैमिकल्स और चीनी आदि से बने ये बम गांव की सीमा पर खेतों के इर्द-गिर्द प्लांट किए गए। इनको पेसमेकर से जोड़ दिया गया। पेसमेकर इस तरह का जो दो से पांच हजार किलोग्राम तक वजन की पहचान कर सके। आदित्य ने जो पेसमेकर इस्तेमाल किया वो वही है जो मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए उपयोग होता है। जैसे ही कोई हाथी इस डिवाइस पर पैर रखता स्मोक बम धुआं छोडऩे लगता। इससे उसे सांस लेने में अस्थायी तौर पर परेशानी होती और वह दूर भाग जाता। अगर यह स्मोक बम और पेसमेकर वाला सिस्टम फेल हो गया तो एक और तरीका आदित्य ने निकाला है। इस डिवाइस के साथ ही लेजर रे और बजर का सिस्टम भी है। हाथी इसके नजदीक से गुजरा नहीं कि डिवाइस से लेजर किरणें निकलने लगती हैं। बजर भी बज उठता है। इससे गांव वाले हाथी के आने को लेकर सचेत हो जाते हैं। और जरूरी इंतजाम कर लेते हैं। आदित्य ने जो स्मोक बम बनाया है उसमें पोटेशियम नाइट्रेट, पोटेशियम परमैंगनेट, सलफ्युरिक एसिड और चीनी का इस्तेमाल हुआ है। इस तरह कि किसी को (हाथियों को भी) कोई नुकसान न पहुंचे। न कैमिकल्स से न उसके धुएं से। यहां तक कि फसल को भी हानि न हो। उल्टा इससे निकलने वाली कार्बन डाईऑक्साइड से पौधों को फायदा ही होता है। स्कूल टीचर्स की निगरानी में आदित्य ने इस डिवाइस को विकसित किया। डिवाइस को एक्टिव करने के लिए एक इलेक्ट्रो चेन लगाई गई है। इसे किसान भी दूर से ही खींचकर डिवाइस एक्टिव कर सकते हैं। पेसमेकर के साथ इस स्मोक बम की कीमत भी कुछ ज्यादा नहीं है। प्रति एकड़ यह करीब 1,700 रुपए के आसपास पड़ती है।
फंडा यह है कि...
जब भीआप किसी आइडिया पर विचार करें तो ध्यान रखें कि यह बड़ा हो। बड़े मकसद के लिए हो। इससे आइडिया की स्वीकार्यता भी ज्यादा होगी।
Source: Idea's Should Be Big To Attract People's Attention - Management Funda By N Raghuraman - Dainik Bhaskar 21st December 2013 |
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