पहला स्कूल और घर से दूर घर
परदे के पीछे - जयप्रकाश चौकसे
डीएनए अखबार के मुंबई संस्करण में विगत कुछ समय से सितारों द्वारा लिखे कॉलम प्रकाशित हो रहे हैं। अब तक शाहरुख खान के दो कॉलम प्रकाशित हुए हैं और ट्विंकल अक्षय कुमार का एक कॉलम प्रकाशित हुआ। ज्ञातव्य है कि ट्विंकल डिम्पल कपाडिय़ा (बॉबी की नायिका) और राजेश खन्ना की पुत्री हैं। बॉबी देओल के साथ 'बरसात' तथा अन्य कुछ फिल्मों की नायिका रहीं हैं परंतु विवाह के बाद केवल पत्नी और मां के दायित्व का निर्वाह कर रहीं हैं। बिखरी दंपती की संतान होने की कोई कड़वाहट उनके व्यक्तित्व में नहीं है। उनके लेख में उन्होंने सारे युवा माता-पिता को विचार करने की बातें लिखी हैं कि आज के बच्चों को किस तरह पाला जाए। जानकारियों के इस भीषण जलप्रपात के युग में उन्हें उड़ते हुए छीटों से कैसे बचाएं और उजागर होते युग के भवसागर में वे कैसे तैरें, या उसे किस नाव पर सवार होकर पार करें।
Source: First School And Home Away From Home - Parde Ke Peeche By Jaiprakash Chouksey - Dainik Bhaskar 11th December 2013
एक दिन उनके ग्यारह वर्षीय इंटरनेट प्रेमी पुत्र ने सगर्व घोषणा की कि अब वह किसी को गर्भवती बना सकता है। उनकी इस घोषणा से टिवंकल थर्रा गईं और उन्हें सांत्वना मिली यह जानकर कि उनका ग्यारह वर्षीय पुत्र ऐसा कुछ करने वाला नहीं है वरन् उसे यह 'ज्ञान' इंटरनेट पर मिला कि सबसे कम उम्र में किसी को गर्भवती करने वाले बालक की उम्र ग्यारह वर्ष है। इस गटर गंगा में ऐसी अनेक आधी-अधूरी कचरा बातें उजागर की जाती हैं परंतु ट्विंकल इस घटना के माध्यम से माता-पिता की भूमिका पर पुन: विचार करने का आग्रह करती हैं। जानकारियों की इस दोधारी तलवार को नकारा नहीं जा सकता, बच्चों को इससे दूर रखने के प्रयास व्यर्थ हैं, परंतु उनमें इस संतुलन का विकास किया जा सकता है कि क्या व्यर्थ है और क्या महत्वपूर्ण है। उन्हें इंटरनेट पर उपलब्ध नीले फीते के जहर से बचने की चेतावनी देना आवश्यक है।
महत्वपूर्ण बात यह कि टेक्नोलॉजी के विकास ने इंटरनेट और वेबसाइट पर एक वैकल्पिक संसार की रचना की है, जिसके नशे में गाफिल व्यक्ति यथार्थ से विमुख हो जाता है। ट्विटर और फेसबुक इत्यादि ने उन तमाम आम लोगों को अभिव्यक्ति का एक मंच दिया है जो अब तक उपलब्ध नहीं था। ज्ञातव्य है कि सदियों से लंदन के हाइड पार्क में कोई भी व्यक्ति भाषण दे सकता था और सैलानी एकत्रित हो जाते थे। वहां के मजबूत गणतंत्र के विकास में हाइड पार्क का यह अनौपचारिक मंच अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है।
इंटरनेट जैसे मंच का दुरुपयोग व्यावसायिक तरीके से हो रहा है। कुछ स्वयंभू नेता इस पर अपने लिए लहर बना रहे हैं। मीडिया का यह पक्ष छवियां गढ़ रहा है, हवाई शेर बना रहा है। यह मंच उन आंकड़ों को जाहिर नहीं कर रहा है कि स्वयंभू शेर दिल्ली और छत्तीसगढ़ में किन क्षेत्रों में दहाड़ा और उनमें किस दल का प्रत्याशी जीता। मध्यप्रदेश और राजस्थान के क्षेत्रीय क्षत्रप ही बहुत शक्तिशाली रहे हैं। बहरहाल ट्विंकल ने बताया कि आज के बच्चे आपके द्वारा दिए गए नैतिक उपदेशों में कोई रुचि नहीं रखते, उनके सामने यथार्थ का और स्वयं के अच्छे आचरण का उदाहरण प्रस्तुत करना होता है। गोयाकि ये चतुर बच्चे कानो सुनी नहीं, आंखन देखी पर यकीन करते हैं और ऐसे में उन्हें यह भी बताना जरूरी है कि अनेक प्रकरणों में 'मत रहना अंखियों के भरोसे'- सतह के नीचे अनेक धाराएं प्रवाहित हैं। मेरे एक मित्र ने बताया कि उनकी तेरह वर्षीय पोती ने एक दिन स्कूल से लौटकर अपने दादा से पूछा कि उनकी दी गई महाभारत में मटकों से उत्पन्न बच्चों का जिक्र है परंतु उसके विज्ञान शिक्षक ने कक्षा में बताया कि बच्चे कैसे जन्मते हैं। अब वह दादाजी की महाभारत पर यकीन करे या शिक्षक के विज्ञान पर। जब तक हमारे आख्यानों की ऐसी व्याख्या उपलब्ध नहीं होती कि विज्ञान के विरुद्ध नहीं होते हुए आख्यान में दिए गए विवरण का संदर्भ और घटना के पीछे छुपे अर्थ को उजागर करे, तब तक ऐसी दुविधाएं दु:ख देती रहेंगी।
ट्विंकल कहती हैं कि वह जमाना गया जब बचपन में मासूमियत थी, आज के बच्चे अच्छा, बुरा सब जानते हैं तथा अपने बचपन की मासूमियत का महिमा गान कोई अर्थ नहीं रखता। हमें अपने हास्य के माद्दे से ऐसा वातावरण घर में रचना होगा जो सच्चे ज्ञान और सतह के नीचे प्रवाहित धाराओं को समझने और सही सामंजस्य बनाने में मदद करे। सारांश यह कि घर बच्चे का प्रथम स्कूल है और स्कूल घर से दूर घर बने।
एक्स्ट्रा शॉट...
ट्विंकल ने 1995 में बॉबी देओल के साथ पहली फिल्म बरसात की थी। करण जौहर ने 'कुछ कुछ होता है' की टीना का रोल ट्विंकल के लिए ही रखा था।
Source: First School And Home Away From Home - Parde Ke Peeche By Jaiprakash Chouksey - Dainik Bhaskar 11th December 2013
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