बड़े फैसलों की कुंजी है आपका अवलोकन
मैनेजमेंट फंडा - एन. रघुरामन
कहानी 1:
फिल्म 'धूम तीन' इस साल 'चेन्नई एक्सप्रेस' जैसी कई फिल्मों को रिकॉर्ड के मामले में तेजी से पीछे छोड़ रही है। लेकिन इस फिल्म से पटना की पुलिस खासी चिंतित है। पुलिस का मानना है कि नए साल के जश्न में उनका पाला आमिर खान स्टाइल के कई नौजवानों से पड़ेगा। जो फिल्म में आमिर द्वारा किए बाइक स्टंट से प्रभावित होकर शहर की सड़कों पर अपनी बाइकें भी उसी अंदाज में दौड़ाएंगे। इससे वे अपने साथ-साथ दूसरे लोगों के लिए भी खतरे पैदा करेंगे। इसके लिए आमिर और 'धूम तीन' को दोष दिया जा सकता है, लेकिन आमिर खान खुद यह नहीं चाहते कि युवा फिल्म में किए स्टंट सीनों को सड़कों पर दोहराएं। इस स्थिति को देखते हुए पटना पुलिस ने ऐसे नौजवानों को पकडऩे के लिए तैयारियां की हुई हैं। पटना की प्रमुख सड़कों पर आपको हर एक से दो किलोमीटर की दूरी पर पुलिसकर्मी मौजूद मिलेंगे। यह पुलिसकर्मी एंटी रैश ड्राइविंग सेल के सदस्य हैं। अगर कोई अंधाधुंध बाइक चलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसकी बाइक जब्त कर ली जाएगी। और जनवरी के दूसरे हफ्ते में उसे बाइक लौटाई जाएगी। दरअसल नए साल की पूर्व संध्या के मौके पर ज्यादातर लोग मौज-मस्ती में शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं। सर्द मौसम में छाई घने कोहरे की चादर इस दौरान दुघर्टनाओं के खतरों को और बढ़ा देती है। लिहाजा पटना पुलिस ने तय किया है कि जिसकी भी बाइक पकड़ी जाएगी उसे नए साल के जश्न का खुमार पूरी तरह उतरने के बाद ही लौटाया जाएगा।
Source: Your Observation Is Key To Big Decisions - Management Funda By N Raghuraman - Dainik Bhaskar 28th December 2013
बेंगलुरु की एक फैक्ट्री पर मौजूद मंजूनाथ ने देखा कि सफेद रंग की एक निजी बस उनके गेट के सामने आकर रुक गई। लेकिन तीन मिनट बीतने के बावजूद कोई यात्री बस से नहीं उतरा। मंजूनाथ को संदेह हुआ। वे धीरे धीरे फैक्ट्री गेट की तरफ बढ़े। वहां पहुंच कर उन्हें बस के अंदर से आ रही हल्की चीखें सुनाई दीं। उन्होंने आग बुझाने वाला सिलेंडर उठाया और बस की तरफ दौड़े। मशक्कत के बाद उन्होंने जैसे ही बस का दरवाजा खोला, आग की लपटें बाहर आईं। बस में 40 यात्री थे। जिनका धुएं की वजह से दम घुटने लगा था।
गारमेंट फैक्ट्री में बतौर मेंटीनेंस सहायक काम करने वाले 24 वर्षीय मंजूनाथ ने सिर्फ तीन मिनट में अकेले ही यात्रियों की जान बचा ली। अगर थोड़ी सी देर हुई होती तो हाल ही में हैदराबाद जा रही वोल्वो बस की तरह यह भी आग की चपेट में आ गई होती।
कहानी 3:
गारमेंट फैक्ट्री में बतौर मेंटीनेंस सहायक काम करने वाले 24 वर्षीय मंजूनाथ ने सिर्फ तीन मिनट में अकेले ही यात्रियों की जान बचा ली। अगर थोड़ी सी देर हुई होती तो हाल ही में हैदराबाद जा रही वोल्वो बस की तरह यह भी आग की चपेट में आ गई होती।
कहानी 3:
भारत की ग्रामीण आबादी में ज्यादातर ऐसे गांवों में रहती है जिनकी कुल आबादी दो से 10 हजार की है। देश की आधी ग्रामीण आबादी महज एक लाख बीस हजार गांवों में सिमटी हुई है। बाकी बची आधी आबादी चार लाख अस्सी हजार गांवों में रहती है। यह आंकड़े जनगणना-2011 के हैं। इसमें देश के ग्रामीण इलाकों की स्थिति का ब्यौरा दिया गया है। कुल 6,40,930 गांवों में से 5,97,43 गांवों में ही आबादी रहती है। 43,447 गांव वीरान हैं।
वर्ष 2001 से 2011 के बीच 2000 से कम आबादी वाले गांवों की संख्या 46 फीसदी से गिरकर 41 फीसदी रह गई है। वहीं, बीती दो जनगणनाओं में ऐसे गांव जिनकी आबादी 10 हजार से ज्यादा है उनकी हिस्सेदारी 8.55 फीसदी से थोड़ा बढ़कर 8.68 फीसदी हो गई है। बीते दशक में ऐसे गांवों की संख्या 670 तक बढ़ी है। उत्तर प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा आबादी वाले सबसे ज्यादा गांव हैं। दूसरे स्थान पर केरल है। एचडीएफसी समेत दो निजी बैंकों ने यहां तेजी से अपने कदम रखे हैं। ये यहां होम लोन दे रहे हैं। ये बैंक इन गांवों में उम्मीद से ज्यादा बिजनेस भी कर रहे हैं।
वर्ष 2001 से 2011 के बीच 2000 से कम आबादी वाले गांवों की संख्या 46 फीसदी से गिरकर 41 फीसदी रह गई है। वहीं, बीती दो जनगणनाओं में ऐसे गांव जिनकी आबादी 10 हजार से ज्यादा है उनकी हिस्सेदारी 8.55 फीसदी से थोड़ा बढ़कर 8.68 फीसदी हो गई है। बीते दशक में ऐसे गांवों की संख्या 670 तक बढ़ी है। उत्तर प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा आबादी वाले सबसे ज्यादा गांव हैं। दूसरे स्थान पर केरल है। एचडीएफसी समेत दो निजी बैंकों ने यहां तेजी से अपने कदम रखे हैं। ये यहां होम लोन दे रहे हैं। ये बैंक इन गांवों में उम्मीद से ज्यादा बिजनेस भी कर रहे हैं।
फंडा यह है कि...
आप बड़े और प्रभावी तभी हो सकते हैं, जब आपमें चीजों और स्थितियों पर गौर करने की या अवलोकन की गहरी क्षमता हो। इसे विकसित करना भी आपके ही हाथ में है।
Source: Your Observation Is Key To Big Decisions - Management Funda By N Raghuraman - Dainik Bhaskar 28th December 2013
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